

खंगार राजवंश के संस्थापक - महाराजा खेतसिहं
महाराजा खेत सिंह खंगार का जन्म संवत 27 दिसंबर 1140 को जूनागढ़ नरेश महाराज रूढदेव जी रावकार के यहां हुआ था ये चूडासामा वंश के थे जो शौर्य ,आदर्श एवं बलिदान के लिए प्रसिद्ध रहा है | महाराजा खेतसिहं की शिक्षा दीक्षा आरंभ से ही अपने पिता के राजकाज में सहयोगी रही इसी कारण वे कुशल प्रशासक एवं राज्य संचालक के रूप में प्रसिद्ध हुए |जिनके शौर्य की उस समय काफी धाक थी और इन्होने कई युध्दो को भारत के अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के पक्ष में लड़ा और उन्हें विजय दिलाई जिसका वर्णन महाकवि चनद्रवर दाई द्वारा रचित पृथ्वीराज रासो में बड़ी वीरता के साथ किया गया है | बाल्यावस्था में ही पृथ्वीराज चौहान को अजमेर का शासक बनाया गया था उस समय अजमेर की शासन व सुरक्षा व्यवस्था का दायित्व महाराजा खेतसिहं के ही कंधो पर था | जब महाराज रूढदेव राजाराव जी बडे युवराज थे | इसलिए सोलंकी राजा ने उन्हें अपनी आधीनता स्वीकार करने का प्रस्ताव भेजा |परन्तु महाराजा खेतसिहं ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया कयोंकि ये बडे साहसी और स्वाभीमानी प्रकृति के व्यक्ति थे | साथ ही साथ कुशल शासक व चतुर राजनीतिज्ञ भी थे | उन्होने सैनिक साहयता के लिए दिल्ली के राजा सामेश्वर जो पृथ्वीराज के पिता थे, से प्रसताव रखा और पाटन पर आक्रमण करके सोलंकी राजा को पराजित किया | अपने राज्य जूनागढ को उसकी आधीनता से मुक्त कराया और छोटे भाई युवराज राव जयसिहं दियास ग्रहार को वहां की गददी पर बैठाया | सन् 1182ई. में प्रथ्वीराज चौहान और वर्तमान बुन्देलखण्ड के चंदेल राजा परिमाल के मध्य हुआ, जिसमें चंदेल राजा परिमाल ने प्रथ्वीराज चौहान के प्रबल विरोधी कन्नौज के राजा जयचन्द्र से साहयता ली |युध्द चौहान व खंगार दोनो की साझेदारी में लडा गया, जिसमें यह शर्त थी कि विजयोपरांत विजित राज्य मे आधा राज्य बांट लेगे |
दूसरा भाग जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा. ........ जय माँ गजानन
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⚔️⚔️जय महाराजा खेत सिंह ⚔️⚔️
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जवाब देंहटाएंKucha etihaskar banars se aaye batate hai
जवाब देंहटाएंMaharaja rooddev chudasam bans ke the iska koi barnan zadejao ke ithas me nahi hai kyo ki jadeja bhi chudasma sakha se hai .koi pakki jankari ho to btane ka kast kare.
जवाब देंहटाएंJagpat je ke chudasma, bhupat je ke bhati, narpat je ke jadeja hai bhi
जवाब देंहटाएं2 jo unknown comment hai unka reply de sir otherwise ye post blog delete kare.
जवाब देंहटाएंVery nice pic
जवाब देंहटाएंJai ho
जवाब देंहटाएंGreat history
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